कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास का प्लान

 



जम्मू। र्पधानमंत्री नरेंर्द मोदी अपने जम्मू-कश्मीर के दौरे के दौरान घाटी से विस्थापित हुए कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास पर बड़ा एलान कर सकते हैं। केंर्द सरकार ने पीएम दौरे से पहले आतंकवाद के कारण घाटी से पलायन करने वाले कश्मीरी पंडितों, सिखों व अन्य समुदायों की वादी में खेत-खलिहान व मकानों समेत पूरी अचल संपत्ति का ब्योरा मांगा है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (एनएससीएस) ने राज्य र्पशासन को एक पत्र लिखकर विस्थापितों की संपत्ति के साथ उनकी मौजूदा स्थिति की जानकारी भी उपलब्ध कराने के लिए कहा है। एनएससीएस र्पधानमंत्री कार्यालय को राष्ट्रीय सुरक्षा और सामरिक महत्व से जुड़े मामलों पर विशेषज्ञ राय र्पदान करता है।


र्पधानमंत्री तीन फरवरी को राज्य दौरे पर आ रहे हैं। दिल्ली में एनएससीएस में अतिरिक्त सचिव एसएम सहाय की ओर से १४ जनवरी को भेजे पत्र में जम्मू कश्मीर में विस्थापितों के मकान, खेत, बाग, दुकानों के बारे में ब्योरा मांगा है। पत्र में आग्रह किया गया है कि वर्ष १९९० के बाद कश्मीरी पंडितों द्वारा बेची गई अचल संपत्ति और आतंकवाद के चलते मजबूरी में आनन-फानन औने पौने दाम बेची गई संपत्ति का भी क्षेत्रवार ब्योरा दिया जाए। एनएससीएस के इस कदम को र्पधानमंत्री नरेंर्द मोदी के दौरे और कश्मीरी पंडितों की घाटी वापसी के संदर्भ में पहले की गई घोषणाओं से जोड़कर देखा जा रहा है।


मंडलायुक्त कश्मीर बसीर अहमद खान ने एनएससीए के पत्र का संज्ञान लेते हुए वादी के सभी १० जिला उपायुक्तों को निर्देश दिया कि वह तीन दिन के भीतर वर्ष १९९० तक रहने वाले उन सभी लोगों की अचल संपत्ति का ब्योरा र्पदान करें, जिन्हें आतंकवाद के कारण कश्मीर से पलायन कर जम्मू समेत देश के विभिन्न हिस्सों में शरण लेनी पड़ी है।


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