नरेन्द्र मोदी सरकार का पहला कार्यकाल लगभग पूरा होने जा रहा है और चुनाव से लगभग तीन महीने पहले अंतरिम बजट पेश कर दिया गया है। यह बजट अंतरिम इसलिए है क्योंकि चुनाव के बाद नयी सरकार फिर से बजट पेश करेगी। मोदी सरकार के वित्त मंत्री का दायित्व संभाल रहे पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट को भी पूर्णकालिक बजट की तरह सभी वर्गों की संतुष्टि में ढाला है। सरकार ने महंगाई पर काबू पाने के लिए अपनी पीठ थपथपायी है जबकि एक दिन पहले ही बेरोजगारी में आंकड़ों को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष में नोकझोक हुई। चुनावी वर्ष में ये सभी बातें होना स्वाभाविक होता है। बजट सत्र के प्रारंभ में राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने संयुक्त सदन को संबोधित किया था। राष्ट्रपति का यह संबोधन भी सरकार ही लिखकर देती है। परम्परा के अनुसार पिछले बजट में सरकार ने क्या योजनाएं बनायी थीं और उनका कितना पालन किया गया है, इस पर सरकार अपनी बात राष्ट्रपति से कहलवाती है लेकिन इसबार के राष्ट्रपति अभिभाषण में २०१७-१८ का उल्लेख तो कम हुआ है बल्कि बात २०१६ की नोट बंदी और सर्जिकल स्ट्राइक की ज्यादा हुई। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्मदिन पर २०१४ में ही स्वच्छता अभियान चलाया था, सरकार की इस उपलब्धि का भी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने उल्लेख किया है। मोदी सरकार ने २०१४ के बजट में ही स्मार्ट शहर का वादा किया था, उसके लिए सरकार ने जो कार्य किये हैं, उनका भी उल्लेख राष्ट्रपति के अभिभाषण में किया गया है। इस प्रकार राष्ट्रपति के अभि भाषण से ही यह पता चल गया था कि वित्त मंत्रालय का कार्य संभाल रहे पीयूष गोयल २०१९ की पहली फरवरी को अंतरिम बजट में सरकार की पूर्ण कालिक उपलब्धियों का भी उल्लेख करेंगे। किसानों को लेकर जरूर कहा जा रहा था कि सरकार कोई महत्वपूर्ण घोषणा करने वाली है। यह घोषणा पीयूष गोयल ने कर दी है। उन्होंने कहा कि २ हेक्टेयर तक की जमीन के मालिक किसानों को सरकार ६ हजार रूपये प्रति वर्ष की दर से देगी।
चुनावी रंग देते हुए अंतरिम बजट में मोदी सरकार ने किसानों को लेकर बड़ी घोषणा की है। किसानों के मुद्दे पर मोदी सरकार लगातार दबाव में थी। ऐसे में सरकार ने किसानों की नाराजगी दूर करने और उन्हें आर्थिक संकट से बाहर निकालने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। किसानों को ६ हजार रुपये प्रति वर्ष की दर से मदद करने का ऐलान किया है। पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट २०१९ पेश करते हुए किसानों को बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने चुनावी साल के चलते इस अंतरिम बजट में किसानों के लिए बड़ा ऐलान किया है। सरकार ने किसानों को सीधे तौर पर आर्थिक मदद देने का फैसला करते हुए इनकम सपोर्ट प्रोग्राम का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि जिन किसानों के पास दो हेक्टेयर जमीन हैं उन्हें हर साल ६ हजार
रुपए दिया जाएगा। पीयूष गोयल ने कहा कि ये पीएम किसान सम्मान निधि योजना शुरू की है। इसके तहत कमजोर और छोटे किसान को हर साल ६ हजार रुपए दिए जाएंगे ताकि किसानों की आमदनी बढ़ सके- ये तीन किस्त में २-२ हजार रुपये मिलेंगे-ये पैसे सीधे किसानों के खाते में जाएंगे। इसकी १०० फीसदी सरकार फंडिंग करेगी। पीयूष गोयल ने कहा कि ये स्कीम एक दिसंबर २०१८ से लागू होगी। इससे देश के १२ करोड़ किसान परिवारों को इसका लाभ मिलेगा। तीन किस्तों में किसानों को योजना का लाभ मिलेगा। इससे सरकार पर कुल ७५ हजार करोड़ रुपए का खर्च बढ़ेगा।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट २०१९ पेश करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को मजबूत सरकार दी है। हमने २०२२ तक किसानों की आय दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि फसल से आय को दोगुना करते हुए इतिहास में पहली बार सभी २२ फसलों की लागत का कम से कम ५० फीसदी अधिक निर्धारित किया। मोदी सरकार ने गाय के लिए भी बजट में विशेष तवज्जो दी है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सरकार की राष्ट्रीय कामधेनु योजना का ऐलान किया, इसके साथ ही सरकार ने पशुपालन और मत्स्य पालन के लिए कर्ज में २ प्रतिशत की छूट देने का ऐलान किया है।
पीयूष गोयल ने बजट में ऐलान किया कि पशुपालन के लिए किसान क्रेडिट कार्ड से कर्ज मिलेगा। दरअसल विपक्ष खासकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी किसानों के मुद्दे पर मोदी सरकार को लगातार घेरते रहे हैं। कर्ज माफी को बड़ा चुनावी मुद्दा बनाते हुए कांग्रेस ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की है। इस मुद्दे की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हाल के महीनों में दिल्ली ये लेकर यूपी और महाराष्ट्र तक की सरकारें किसान आंदोलन की तपिश झेल चुकी हैं।
अंतरिम बजट के जरिये मोदी सरकार का दावा है कि उन्होंने महंगाई पर लगाम लगाई है और वो इसमें सफल रहे हैं। अंतरिम बजट पेश करते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि महगाई पर काबू पाने से आम आदमी को बड़ी राहत मिली है। उन्होंने कहा, सरकार ने कमरतोड़ महंगाई की कमर ही तोड़ दी है। लोकसभा में अंतरिम बजट पेश करते हुए पीयूष गोयल ने कहा, पिछली सरकार की तुलना में महंगाई दर पर हमारी सरकार ने काबू पा लिया है। फिलहाल महंगाई दर गिरकर ४.६ फीसदी पर पहुंच गई है।
महंगाई दर अब तक सबसे निचले स्तर पर है। पीयूष गोयल ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था सबसे तेज गति से बढ़ रही है, और आज की तारीख में दुनिया में छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। महंगाई को काबू में करके हमारी सरकार ने आम आदमी का ४० फीसदी खर्चा बचाया है- उन्होंने कहा, देश के संसाधनों पर पहला अधिकार गरीबों का है और हमारी सरकार ने उन्हें दिलाने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि यूपीए-२ के समय (२००९-१४) देश में औसत महंगाई १० फीसदी से ज्यादा थी। मोदी सरकार ने दोहरे अंक की मुर्दास्फीति को नियंत्रित करने में कामयाबी हासिल की है। दिसंबर २०१८ में महंगाई दर घटकर २.१८ प्रतिशत पर आ गई। सरकार का दावा है कि उन्होंने महंगाई पर लगाम लगाई है, अगर ऐसा न होता तो लोगों को ३५ से ४० प्रतिशत अधिक पैसे
खर्च करने पड़ते, हालांकि सरकार का ये दावा लोग स्वीकारते हैं या नहीं, यह देखने वाली बात होगी क्योंकि
महंगाई भी लोगों के बीच एक अहम मुद्दा है। (हिफी)